Dark Mode

Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

View Results
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

View Results
सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

View Results
समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!

लाल डायरी और लाल पेन ड्राइव का खेल

लाल डायरी और लाल पेन ड्राइव का खेल
Pooja Parmar
April 25, 2024

लोकसभा चुनाव का शोर तो कम हो गया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जिंदगी में भूचाल आ गया. लाल डायरी को किस्सा आपको याद होगा. जब राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार को घेरा था. पन्नों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, कुंजीलाल मीणा,आरविंद तोमर, जीआर खटाणा सहित अन्य लोगों का जिक्र किया. और अब एक पेनड्राइव चर्चा में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने फोन टैपिंग मामले में बड़ा आरोप लगाया है।

24 अप्रैल को जयपुर में मीडिया से रूबरू होते हुए लोकेश शर्मा ने कहा कि, जो ऑडियो क्लिप उन्होंने 16 जुलाई 2020 को मीडियाकर्मियों को भेजी थी। वे तीन ऑडियो क्लिप अशोक गहलोत ने उन्हें पेन ड्राइव में दी थी। लोकेश के मुताबिक उन्हें तो पता ही नहीं था कि उन ऑडियो क्लिप में क्या है और किनकी आवाज है लेकिन जो निर्देश अशोक गहलोत ने दिए थे। ओएसडी होने के नाते उन्होंने गहलोत के निर्देशों की पालना की। लोकेश शर्मा ने यह खुलासा करके चौंका दिया कि उन दिनों सचिन पायलट सहित उनके सभी समर्थकों को मोबाइल सर्विलांस पर थे। लोकेश शर्मा ने यह भी कहा कि गहलोत को अपने खेमे के कुछ विधायकों पर भी भरोसा नहीं था। ऐसे में उन विधायकों के फोन भी सर्विलांस पर थे जो गहलोत खेमे के थे और बाड़ेबंदी के तहत होटल फेयर माउंट में ठहरे हुए थे। जब हमारी सहयोगी नेता जोशी ने भी इस मामले में लोकेश शर्मा से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि, पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए फोन टैपिंग तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कराई थी। उन्होंने कहा कि टेपिंग में उनका कोई रोल नहीं है। खुद गहलोत ने उन्होंने मुख्यमंत्री निवास स्थित अपने ऑफिस में बुलाकर एक पेन ड्राइव दिया। साथ में स्क्रिप्ट लिखे हुए कुछ कागज दिए। ये सब देकर उन्होंने ही कहा था कि ये सब मीडिया में सर्कुलेट कर दो। लोकेश ने कहा कि इसके बाद वे सीधे अपने घर गए। पेन ड्राइव में जो ऑडियो क्लिप थी। उन्हें लैपटॉप में ट्रांसफर किया और फिर मोबाइल में लेकर मीडियाकर्मियों को भेजा। उन्होंने कहा कि चूंकि उन दिनों वे तत्कालीन मुख्यमंत्री के ओएसडी थे। ऐसे में जैसा उन्होंने कहा, वैसा ही किया।

लोकेश शर्मा ने कहा कि गहलोत द्वारा पेन ड्राइव दिए जाने बाद उन्होंने तीन बार वाट्सऐप कॉल करके पूछा कि अभी तक मीडिया में खबरें क्यों नहीं चली। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि पेन ड्राइव से सीधे मीडियाकर्मियों तक ऑडियो पहुंचाना संभव नहीं था। इसलिए पहले उन ऑडियो को लैपटॉप में लिया गया। फिर लैपटॉप से मोबाइल में लेकर मोबाइल से मीडियाकर्मियों को फॉरवर्ड करने में थोड़ा वक्त लग गया। लोकेश शर्मा के मुताबिक ऑडियो क्लिप से जुड़ी खबरें मीडिया में आने के बाद गहलोत ने उन्हें फिर से वाट्सऐप कॉल करके उस मोबाइल को नष्ट करने की बात कही। इस मोबाइल से तीनों ऑडियो क्लिप मीडियाकर्मियों को भेजी गई थी। गहलोत के आदेश पर लोकेश ने उस मोबाइल को भी नष्ट कर दिया। लोकेश ने कहा कि गहलोत ने उनसे लैपटॉप भी मांगा और कहा कि इसके बदले नया लैपटॉप ले जाओ लेकिन निजी कार्य के लिए लैपटॉप हमेशा काम आता था। इसलिए लैपटॉप नहीं दिया। लोकेश शर्मा ने कहा कि वे गहलोत के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित थे। उनके हर आदेश की पालना की लेकिन फिर भी उन्हें शक था। अपना वहम मिटाने के लिए 26 नवंबर 2021 को एसओजी ने लोकेश शर्मा के ऑफिस में दबिश दी। उस मोबाइल को ढूंढा गया जिस मोबाइल से वो तीनों ऑडियो क्लिप मीडियाकर्मियों को भेजी गई थी। एसओजी के अफसरों ने पूरा ऑफिस खंगाला। उन्हें वो मोबाइल नहीं मिला था। तब जाकर अशोक गहलोत को विश्वास हुआ कि मोबाइल सचमुच में नष्ट किया गया है।

लोकेश शर्मा ने कहा कि फोन टेपिंग का पूरा षड़यंत्र अशोक गहलोत ने ही रचा था। पायलट सहित उनके समर्थक विधायकों को फोन सर्विलांस पर लेकर उन्हें ट्रैक किया गया। कौन कब किससे बात कर रहा है। इसकी पूरी निगरानी रखी गई। कौन कहां जा रहा है। इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा था। बाद में गहलोत ने उनके जरिए वो ऑडियो क्लिप वायरल कराई। बाद में जब दिल्ली क्राइम ब्रांच में केस दर्ज हुआ तो मुझे फंसाकर सब साइड में हो गए।  कहा कि उस घटनाक्रम से गहलोत की कुर्सी बच गई और मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल भी पूरा कर लिया लेकिन अपना स्वार्थ पूरा होने के बाद वे अपने ओएसडी को भूल गए. अब सवाल उठता है कि, इस खुलासे से अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर क्या असर पड़ेगा.

लाल डायरी और लाल पेन ड्राइव का खेल