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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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अलवर में पूरी ताकत झोंक रहे भूपेंद्र यादव

अलवर में पूरी ताकत झोंक रहे भूपेंद्र यादव
Pooja Parmar
April 7, 2024

दस फीट लंबे साफे को तीस सेकेंड में पगड़ी का रूप देकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव यह जता देते हैं कि अलवर में उनके चुनावी मुकाबले को बाहरी बनाम स्थानीय का रूप देना बेमानी है। इस लोकसभा सीट के लिए हो रहे संघर्ष में भूपेंद्र यादव को उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ललित यादव बाहरी उम्मीदवार बता रहे हैं, लेकिन खुद भूपेंद्र यादव के लिए यह कोई मुद्दा ही नहीं है।

उनके पास यह बताने के लिए बहुत कुछ है कि अलवर उनके लिए नई जगह नहीं है। वह इस संसदीय क्षेत्र के लंबे समय तक प्रभारी भी रहे हैं और उनकी दो बहनें भी यहीं रहती हैं। ललित यादव मौजूदा विधायक हैं और इस भरोसे उन्हें कड़ी चुनौती देने का दावा कर रहे हैं कि इस सीट पर 11 बार उनकी पार्टी का प्रत्याशी चुनाव जीत चुका है।

 

वैसे पिछले दो बार से यह सीट भाजपा के पास है। 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से गुजरने वाले अलवर के मुकाबले पर राष्ट्रीय दृष्टि है और इस चुनौती के मुकाबले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की तैयारी भी जबरदस्त है। वह इस समय केवल दो घंटे सोते हैं-रात में दो से चार बजे और पहली सूची में ही नाम आ जाने से उन्हें तैयारी का इतना वक्त मिल चुका है कि वह इस बड़े संसदीय क्षेत्र की हर गली में दस्तक दे सकें।

शुक्रवार को भी उनका दिन बीस से अधिक छोटी-बडी सभाओं, सुबह सैर पर चर्चा, चैंबर आफ कामर्स और इंडस्ट्री में प्रबुद्धजन के साथ संवाद के साथ बीता। सिलसिला सुबह छह बजे शुरू हुआ और रात नौ बजे तक चलता रहा। इसके बाद अगले दिन की तैयारी के लिए प्रचार की कमान संभाल रहे लोगों के साथ लंबी बातचीत।

अहम बात यह भी है कि सौ किलोमीटर से अधिक के प्रचार अभियान के दौरान उनके चुनाव प्रबंधकों की ओर से तैयार किया गया कार्यक्रम 15 मिनट से अधिक इधर से उधर नहीं हुआ। सभाएं अगर लंबी खिंची तो भूपेंद्र यादव ने अंतराल घटा दिया। नाश्ता-खाना, सब इसी दौरान और चाय कार्यकर्ताओं के साथ कभी भी।

फल-सब्जी मंडी और आढ़त में उन्हें काजू-बादाम से तौलने की तैयारी थी तो कार्यकर्ताओं ने उत्साह में दो सौ किलो सामग्री मंगा ली। भूपेंद्र यादव पूरे 90 किलो के भी नहीं हैं। आयोजकों से पूछा गया कि दो सौ किलो काजू-बादाम मंगाने की क्या जरूरत थी तो उनका जवाब था-न वोट कम पड़ने चाहिए, न काजू-बादाम। इस बार दो गुने वोट से जीत दिलानी है।

अलवर में पूरी ताकत झोंक रहे भूपेंद्र यादव