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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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तीनों सहप्रभारियों ने सचिन पायलट से की मुलाकात, डेढ़ घंटे हुई चर्चा

तीनों सहप्रभारियों ने सचिन पायलट से की मुलाकात, डेढ़ घंटे हुई चर्चा
Pooja Parmar
July 14, 2023

जयपुर: युवाओं के पैरों के छाले की कसम खाने वाले सचिन पायलट ने मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन तो नहीं किया लेकिन अब दूसरा रास्ता अपना लिया है. इन दिनों आ रही तस्वीरों से तो साफ लग रहा है कि, पायलट अब अपने घर में ही अपने और युवाओं के हक की बात करते रहेंगे. सचिन पायलट के लिए सबसे मजबूत कड़ी ये है कि, उन्हें प्रदेश के युवाओं का साथ मिलता है. तभी तो अल्टीमेटम को एक महीना निकल गया लेकिन युवाओं का पायलट पर भरोसा नहीं टूटा.

भरोसा तो गांधी परिवार को भी खूब है. तभी तो गहलोत खेमा कार्रवाई की मांग करता रहा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और आखिर में एक बार फिर से सचिन पायलट को मनाने में कामयाबी हासिल की. नाराजगी दूर की गई और जैसे ही पायलट ने साथ में चुनाव लड़ने की बात कही वैसे ही राजस्थान कांग्रेस संगठन के मजबूत होने की चर्चा होने लगी. अप सब नेता एक ही भाषा बोलते हुए नजर आ रहे हैं. और पायलट भी हर मोर्चे पर दिखाई दे रहे हैं. आगे की रणनीति बनाई जा रही है. जिसमें पायलट की भूमिका साफ दिखाई दे रही है.

हरीश चौधरी से मुलाकातों की तस्वीरें तो आपने देखी ही होंगी. 13 जुलाई को भी दोनों के बीच खूब बातचीत हुईऔर अब प्रदेश कांग्रेस के तीन सहप्रभारियों के साथ सचिन पायलट की मुलाकात को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है. आपको बता दें कि, तीनों सहप्रभारी, अमृता धवन, वीरेंद्र राठौड और काजी निजामुद्दीन सचिन पायलट के आवास पर पहुंचे. सभी के बीच करीब डेढ़ घंटे बातचीत हुई. इसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है. माहौल से तो कुछ ऐसा ही लग रहा है कि, सचिन पायलट ही विधानसभा चुनाव की कमान संभालने वाले हैं. बड़ी जिम्मेदारी आलाकमान ने उन्हें सौंपी है. जिसमे पायलट अपने मिशन 2023 की तैयारी में लग गए हैं. तीनों सहप्रभारियों के अलावा पायलट की विधानसभा में एंट्री और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बातचीत की भी खूब चर्चा हो रही है.

तीनों सहप्रभारियों ने सचिन पायलट से की मुलाकात, डेढ़ घंटे हुई चर्चा