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ब्रिटेन में महंगाई की मार, खाने का खर्च नहीं उठा पा रहे टीचर्स और स्वास्थ्यकर्मी, फूड बैंक से मांग रहे मदद
- February 22, 2023 Author : Team Fact India JP
The Fact India: ब्रिटेन में महंगाई के कारण भूखमरी जैसे हालात हो गए हैं। वहां के आम लोगों की बात तो छोडि़ए, टीचर्स, स्वास्थ्यकर्मी और पेंशनधारी भी फूड बैंक पर निर्भर हो गए हैं। ब्रिटेन में करीब 154 संस्थाएं फूड बैंक चलाती हैं, जो लोगों को मुफ्त भोजन बांटते हैं। इंडिपेंडेंट फूड एड नेटवर्क (आईएफएएन) की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में लोगों ने सबसे ज्यादा फूड बैंक से मदद मांगी। आईएफएएन ने 90 फीसदी फूड बैंकों के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
फूड बैंक संचालित करने वाली 85 संस्थाओं ने बताया कि जब भोजन की मांग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी तो उन्होंने कई बार भोजन में कटौती की और भोजन मांगने आए बहुत से लोगों को वापस भी लौटा दिया। महंगाई के कारण लोगों के खरीदने की क्षमता प्रभावित हुई हैं। ब्रिटेन में हाल के महीनों में इसके चलते लगातार हड़तालों का सिलसिला भी चला। आम लोग भोजन खरीदने में अपने को अक्षम पा रहे हैं। ऐसे लोगों की ही निर्भरता फूड बैंकों पर बढ़ी है। आईएफएएन के अध्ययन से पता चला है कि ऐसे बहुत से लोग भोजन के लिए फूड बैंकों के पास गए हैं, जो अभी नौकरी में हैं। जो लोग फूड बैंकों के पास जा रहे हैं, उनमें से 80 फीसदी से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पहले कभी इस तरह की मदद नहीं ली थी।
यूके के डेली न्यूजपेपर को दिए एक इंटरव्यू में एक महिला बताती है कि खाने के दाम बढ़ जाने के कारण वो खुद भूखी रह रही हैं। वो बच्चों के स्कूल से घर आने का इंतजार करती हैं, ताकि बच्चों का छोड़ा हुआ खाना खाकर अपनी भूख मिटा सकें। फूड फाउंडेशन की रिसर्च के मुताबिक सितंबर माह तक 40 लाख बच्चे बगैर प्रॉपर खाने के रहने को मजबूर थे। ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम की लेटेस्ट इंफलेशन रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर माह में सालाना फूड इंफलेशन 10.06 फीसदी तक बढ़ी। वहीं अगर बात रोजमर्रा इस्तेमाल किए जाने वाले खाने की करें तो इनकी कीमतों में भी काफी तेजी से उछाल देखा गया। तुरंत इस्तेमाल होने वाले खाने की महंगाई में सितंबर के महीने में 12.1% बढ़ोतरी हुई, जबकि इन उत्पादों की सालाना महंगाई दर 13.3% तक रही थी।
- Post By Team Fact India