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Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
30%
10%
90%
70%
Total count : 138
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
अजय सिंह किलक
शिव देशवाल
अन्य
56%
26%
18%
Total count : 7524
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
सिद्देरमैया
डीके शिवकुमार
मल्लिकार्जुन खड़गे
बता नहीं सकते
67%
13%
13%
7%
Total count : 15
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
समुदाय विशेष को टारगेट करना
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
फिल्मों को हिट करने के लिए
कुछ बता नहीं सकते
33%
11%
44%
11%
Total count : 9
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बिल्डर्स ने जेडीए के साथ मिलकर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, कोर्ट ने दिया कारण बताओ नोटिस
Manish Gaur
राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण, मुकुंद गोयल और केडिया ग्रैंड होटल एंड पैलेस को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि बिना विक्रय पत्र के और बिना विक्रय की राशि के संपत्ति का हस्तांतरण किस प्रकार कर दिया गया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी व डॉ. टी.एन. शर्मा ने न्यायालय में बहस करते हुए बताया कि वर्ष 2006 में ग्राम गजसिंहपुरा तहसील, अजमेर रोड, जयपुर के खसरा नंबर 32, 33, 34, 35/1 व 35/2 पर 66015 वर्गगज कृषि भूमि को मुकुंद गोयल नाम के व्यक्ति ने जेडीए में सरेंडर करके 90 b के तहत जमीन को आवासीय भूमि में परिवर्तन करवाया था। इस संबंध में एकल पट्टा जयपुर विकास प्राधिकरण ने जारी किया और संपत्ति की रजिस्ट्री करवा दी और उसमें शर्त थी कि जमीन सिर्फ आवासीय काम में ली जाएगी।
लेकिन वर्ष 2020 में जेडीए से मिलीभगत करके मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से प्रार्थना प्रस्तुत कर उस लीज डीड को निरस्त करवाकर केड़िया ग्रांड होटल्स एंड पैलेस लिमिटेड निदेशक गौरव केड़िया के नाम से पट्टा प्राप्त कर लिया गया, जिस पर मुख्यमंत्री आवास योजना और एक होटल का निर्माण किया जाएगा।
गौरतलब है कि एक बार पट्टे की रजिस्ट्री होने के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण को उसे कैंसल करने का अधिकार नहीं है लेकिन मिलीभगत और फर्जीवाड़ा करके यह डीड कैंसल कर दी गई और उससे भी बड़ी बात की फर्जीवाड़े में पट्टा केड़िया ग्रैंड होटल्स एंड पैलेस के नाम जारी कर दिया गया। जबकि जयपुर विकास प्राधिकरण को कोई अधिकार नहीं है कि एक बार संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद किसी दूसरे नाम पट्टा जारी किया जाए।
जेडीए ने इस प्रकार सरकार और आयकर विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है क्योंकि एक बार संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद किसी दूसरे के नाम का पट्टा जारी करने के लिए उस संपत्ति को उसकी दूसरी पार्टी को बेचना पड़ता है, जिस पर स्टाम्प ड्यूटी लगती है और टैक्स भी देना पड़ता है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया बल्कि जेडीए से मिलीभगत करके लीज डीड को कैंसिल करवाकर केड़िया ग्रैंड होटल एंड पैलेस के नाम पर स्थानांतरण कर दिया गया।
खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव व भवन गोयल ने इस संबंध में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बिना भुगतान के संपत्ति का हस्तांतरण हो गया। हाई कोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण मुकुंद गोयल और केड़िया होटल के निदेशक गौरव गोयल को नोटिस जारी किया है और प्रकरण को चार सप्ताह बाद न्यायालय में लगाने का आदेश दिया है।
लेकिन वर्ष 2020 में जेडीए से मिलीभगत करके मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से प्रार्थना प्रस्तुत कर उस लीज डीड को निरस्त करवाकर केड़िया ग्रांड होटल्स एंड पैलेस लिमिटेड निदेशक गौरव केड़िया के नाम से पट्टा प्राप्त कर लिया गया, जिस पर मुख्यमंत्री आवास योजना और एक होटल का निर्माण किया जाएगा।
गौरतलब है कि एक बार पट्टे की रजिस्ट्री होने के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण को उसे कैंसल करने का अधिकार नहीं है लेकिन मिलीभगत और फर्जीवाड़ा करके यह डीड कैंसल कर दी गई और उससे भी बड़ी बात की फर्जीवाड़े में पट्टा केड़िया ग्रैंड होटल्स एंड पैलेस के नाम जारी कर दिया गया। जबकि जयपुर विकास प्राधिकरण को कोई अधिकार नहीं है कि एक बार संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद किसी दूसरे नाम पट्टा जारी किया जाए।
जेडीए ने इस प्रकार सरकार और आयकर विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है क्योंकि एक बार संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद किसी दूसरे के नाम का पट्टा जारी करने के लिए उस संपत्ति को उसकी दूसरी पार्टी को बेचना पड़ता है, जिस पर स्टाम्प ड्यूटी लगती है और टैक्स भी देना पड़ता है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया बल्कि जेडीए से मिलीभगत करके लीज डीड को कैंसिल करवाकर केड़िया ग्रैंड होटल एंड पैलेस के नाम पर स्थानांतरण कर दिया गया।
खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव व भवन गोयल ने इस संबंध में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बिना भुगतान के संपत्ति का हस्तांतरण हो गया। हाई कोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण मुकुंद गोयल और केड़िया होटल के निदेशक गौरव गोयल को नोटिस जारी किया है और प्रकरण को चार सप्ताह बाद न्यायालय में लगाने का आदेश दिया है।