Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस की चौथी सूची में कुल 45 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है. राजस्थान की नागौर सीट आरएलपी के लिए छोड़ी दी है. वहीं, करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव को मौका दिया गया है. गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जाटव साल 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए थे. बावजूद इसके लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मैदान में उतारा गया है. इसकी बड़ी वजह है कि पूर्व मंत्री भजन लाल जाटव की पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के प्रमुख दलित नेता के रूप में पहचान हैं.जातीय समीकरणों के चलते ही पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. हालांकि उनके टिकट को लेकर पार्टी में विरोध भी जारी है.उन्हें टिकट देने के पीछे वजह है कि यह सीट मूल रूप से जाटव-बैरवा बाहुल्य सीट है. जहां 21 फीसदी SCC आबादी है, जबकि 17 फीसदी ST आबादी इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाती है.
वही साल 2000 में भजन लाल के भाई ने जिला परिषद का चुनाव लड़ा था और इसके बाद भजन लाल भी राजनीति में सक्रीय हो गए. भरतपुर जिले की वैर विधानसभा सीट पर साल 2014 में उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने भजन लाल जाटव को प्रत्याशी बनाया और विधायक बन गए. इसके बाद भजन लाल की किस्मत चमकती गई. इसके बाद साल 2018 में चुनाव में कांग्रेस ने दूसरी बार भजन लाल को मैदान में उतारा और फिर जीत हासिल हुई. हाल के चुनाव में तीसरी बार उतरे तो इस बार उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और उन्हें बीजेपी के बहादुर सिंह कोली ने उन्हें 6 हजार 972 मतों से हरा दिया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अदावत के दौरान जाटव ने पायलट का साथ दिया था. लेकिन बाद में गहलोत के खेमे में शामिल हो गए. पूर्व मंत्री जाटव को पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने विधायक बनाया था और चुनाव प्रचार के दौरान पायलट ने उनके लिए काफी मेहनत भी की थी. हालांकि अब जब उनके नाम की घोषणा हुई तो संसदीय क्षेत्र में लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध भी किया.