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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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बीजेपी से बगावत ने रविंद्र भाटी को बना दिया तूफान, लेकिन सवाल जो मतदाताओं को कर रहा कंन्फ्यूज!

बीजेपी से बगावत ने रविंद्र भाटी को बना दिया तूफान, लेकिन सवाल जो मतदाताओं को कर रहा कंन्फ्यूज!
Neha Joshi
April 25, 2024

 राजस्थान में 25 लोकसभा सीट में से 12 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है. वहीं 26 अप्रैल को बाकी 13 सीटों पर मतदान किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के सभी 25 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो जाएगा. वहीं राजस्थान के कुल 266 (114+152) उम्मीदवारों का भाग्य EVM मशीन में कैद हो जाएगा. राजस्थान की 25 सीटों की बात करें तो इसमें एक सीट सबसे ज्यादा चर्चाओं में है. वह है बारमेड़-जैसलमेर लोकसभा सीट, यह सीट केवल एक नाम से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. यह नाम है रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) जो यहां से निर्दलीय उम्मीदवार हैं. जो इस वक्त बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नींद उड़ा रखी है.

यह वही रविंद्र सिंह भाटी हैं जो कभी बीजेपी में थे. राजस्थान के विधानसभा चुनाव 2023 के वक्त सीट के लिए बगावत की और शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने उतर गए. विधानसभा चुनाव में रविंद्र भाटी को लेकर जो हवा चली उसमें कोई उम्मीदवार उसे टक्कर नहीं दे पाया. अब एक बार फिर बीजेपी से बगावत के बाद ही रविंद्र भाटी लोकसभा चुनाव मैदान में हैं और अब ये हवा तूफान में बदल चुका है.

बारमेड़-जैसलमेर सीट के मतदाता एक सवाल से हैं कंफ्यूज

रविंद्र सिंह भाटी की सियासत देखें तो वह काफी दिलचस्प है. क्योंकि 26 साल का एक लड़का आज पूरे राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग नाम बना चुका है. लेकिन यह सियासत तब शुरू हुई जब बीजेपी से बगावत हुई. हालांकि, शिव विधानसभा सीट से जीत हासिल करने के बाद रविंद्र सिंह भाटी एक बार फिर बीजेपी के साथ जाने की कवायद करने लगे थे. भाटी ने बीजेपी में अपने स्वागत के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए लेकिन वह कारगर साबित नहीं हुआ.

वहीं लोकसभा चुनाव 2024 के शुरुआत में भी भाटी ने बीजेपी के सामने शर्त रखी कि अगर उन्हें बीजेपी का साथ नहीं मिलता है तो वह लोकसभा चुनाव में उतरेंगे. इसके लिए भी कई कवायद हुई, सीएम भजनलाल शर्मा से मीटिंग भी हुई. लेकिन कुछ ऐसी शर्तें उनके बीजेपी में आने के बीच रोड़ा बनी. आखिरकार रविंद्र भाटी ने बीजेपी से अपनी नाराजगी जाहिर की और लोकसभा चुनाव में बारमेड़-जैसलमेर सीट से खड़े हो गए. इसके बाद युवाओं से लेकर हर वर्ग में भाटी के लिए जो क्रेज दिखा वह जगजाहिर है. लेकिन इसके बावजूद रविंद्र भाटी को लेकर मतदाता कंफ्यूज हैं. वह सवाल है क्या रविंद्र सिंह भाटी लोकसभा चुनाव 2024 के संपन्न होने के बाद भी बीजेपी से दूरी बनाकर रखेंगे?

 रविंद्र सिंह भाटी को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उनके पास युवा वोटरों की ताकत है. वहीं क्षेत्र में जिस तरह से वह काम करते हैं उनसे हर वर्ग और जाति के लोग खुश हैं. लेकिन भाटी की बीजेपी के साथ आने की चाह कुछ वोटरों को कंफ्यूज करती हैं. 

बहरहाल, रविंद्र सिंह भाटी का जनसमर्थन बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती है. बीजेपी ने बारमेड़ जैसलेर सीट पर भाटी को शिकस्त देने के लिए पूरी ताकत झोंकी है. लेकिन इससे भाटी को कितना नुकसान होगा इसका फैसला जनता 26 अप्रैल को करेगी.

बीजेपी से बगावत ने रविंद्र भाटी को बना दिया तूफान, लेकिन सवाल जो मतदाताओं को कर रहा कंन्फ्यूज!

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