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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 138

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7524

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
13%
मल्लिकार्जुन खड़गे
13%
बता नहीं सकते
7%
Total count : 15

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
33%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
11%
फिल्मों को हिट करने के लिए
44%
कुछ बता नहीं सकते
11%
Total count : 9

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हनुमान बेनीवाल ने भरा नामांकन, ज्योति मिर्धा की की ऐसे खड़ी करेंगे खाट!

हनुमान बेनीवाल ने भरा नामांकन, ज्योति मिर्धा की की ऐसे खड़ी करेंगे खाट!
Sheikh Zoya
March 27, 2024

प्रदेश की हॉट सीट नागौर में चुनावी दंगल की तस्वीर अब साफ हो चुकी है. भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा और कांग्रेस समर्थित आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.
संयुक्त उम्मीदवार की घोषणा के बाद बेनीवाल मंगलवार को पहली बार नागौर पहुंचे और मेगा रोड शो कर शक्ति प्रदर्शन किया. शक्ति प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक व पूर्व विधायक शामिल होकर गठबंधन में एकजुटता देने का संदेश दिया. नागौर संसदीय क्षेत्र में एंट्री करते ही बेनीवाल का कांग्रेस के सभी नेताओं, विधायकों ने न केवल स्वागत किया, बल्कि पूरे रोड शो के दौरान बेनीवाल के साथ खड़े भी रहे.
परबतसर के कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया तो बेनीवाल के सारथी बने और रोड शो के दौरान पूरे रास्ते उन्होंने ही बेनीवाल की गाड़ी चलाई.हनुमान बेनीवाल ने आज नागौर संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन भी दाखिल किया . मंगलवार को भाजपा प्रत्याशी ने कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ अपना नामांकन दाखिल किया था. ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल के बीच मुकाबला तगड़ा होने वाला है और दोनों के बिच कांटे की लड़ाई हो सकती है. रोड शो के दौरान उनके साथ मकराना कांग्रेस विधायक और कांग्रेस जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत और डीडवाना के पूर्व विधायक चेतन डूडी भी साथ रहे. कांग्रेस नेताओं ने रोड शो में साथ खड़े होकर गठबंधन का एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की.बेनीवाल के शक्ति प्रदर्शन में नावां - कुचामन क्षेत्र में पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी शामिल हुए, उन्होंने कुचामन में हनुमान बेनीवाल की अगवानी कर उनके साथ मंच भी शेयर किया. लाडनूं में विधायक मुकेश भाकर और जायल में पूर्व विधायक मंजू मेघवाल ने हनुमान बेनीवाल का स्वागत किया. माना जा रहा है कि संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल के रोड शो में स्थानीय नेताओं को खड़ी कर कांग्रेस ने एकजुटता का संदेश दिया और नागौर संसदीय क्षेत्र की जनता को यह मैसेज देने में सफल रही कि पूरी कांग्रेस पार्टी आरएलपी सुप्रीमो के साथ हुए गठबंधन से खुश है.नागौर संसदीय क्षेत्र को कौन फतह करेगा यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि नागौर में संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल के उतरने से चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्ब और संघर्षपूर्ण हो गया है दरअसल इस संदेश के कई सियासी मायने भी हैं. पहला संदेश तो यह है कि कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मूड में है और इस बार वह भाजपा को किसी भी सूरत में वॉक ओवर नहीं देना चाहती. इस बार कांग्रेस मजबूत लड़ाई लड़ना चाहती है, इसलिए उसने नागौर जैसी मजबूत सीट पर गठबंधन किया, ताकि भाजपा का विजयी रथ रोका जाए. दूसरा, कांग्रेस गठबंधन पर स्थिति को क्लियर कर कार्यकर्ताओं को अनुशासन का भी संदेश देना चाहती है, क्योंकि नागौर सीट पर गठबंधन को लेकर लंबे समय तक असमंजस की स्थिति बनी रही थी. कांग्रेस का एक धड़ा गठबंधन के पक्ष में था तो दूसरा धड़ा इसके विरोध में था. ऐसे में जिले के सभी नेताओं को रोड शो में हनुमान बेनीवाल का स्वागत करवा दिया वहीं, बड़ी जातियों के वोटों को साधना भी तीसरा बड़ा सियासी कारण है. नागौर लोकसभा सीट पर जाट मतदाता सर्वाधिक है. जबकि दूसरे स्थान पर मुस्लिम और तीसरेस्थान पर एससीएसटी व मूल ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की भारी संख्या है. कांग्रेस चाहती है कि इन जातिगत वोटों में बिखराव ना हो और भाजपा को सेंधमारी का लाभ नहीं मिल सके
विधानसभा चुनाव में मिले वोटों को लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस भुनाना चाहती है, क्योंकि नागौर संसदीय सीट की 8 विधानसभाओं में से कांग्रेस को 4 पर बड़ी जीत मिली थी, वहीं एक सीट पर हनुमान बेनीवाल की आरएलपी और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे, जबकि भाजपा के खाते में मात्र दो सीटें ही आई थी. ऐसे में कांग्रेस -आरएलपी मिलकर इसी समीकरण को लोकसभा चुनाव में भी भुनाने की फिराक में हैं.
कांग्रेस किसान आंदोलन से उपजी केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी को भी अपने पक्ष में करना चाहती है. नागौर जिला किसान बाहुल्य क्षेत्र है. देश में हुए किसान आंदोलन का असर नागौर पर भी पड़ा था. किसान आंदोलन के मुद्दे पर ही हनुमान बेनीवाल ने भी एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ा था.
ऐसे में कांग्रेस व आरएलपी किसानों के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरकर किसानों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगी