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देश में इस साल हाई पर बेरोजगारी दर, गांव से ज्यादा शहरों की हालत खराब, अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर 8.11 फीसदी पर पहुंची
The Fact India: देश में बेराजगारी की दर लगातार बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी के मामले में गांवों से ज्यादा शहरों की हालत खराब हो गई है। पिछले चार महीने की तुलना में अप्रैल में देश में बेरोजागारी बढ़ी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, फरवरी में बेरोजगारी दर 7.45 फीसदी थी। मार्च में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.80 फीसदी पर आ गई। अप्रैल महीने में इसमें और इजाफा हुआ है। अप्रैल में बेरोजगारी की दर बढ़कर 8.11 फीसदी हो गई।
अप्रैल में शहरी बेरोजगारी 8.51 फीसदी से बढ़कर 9.81 प्रतिशत हो गई। हालांकि अप्रैल में ग्रामीण बेरोजगारी में मामूली गिरावट देखने को मिली है। यह 7.34 प्रतिशत हो गई, जो मार्च महीने में 7.47 फीसदी थी। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में जो नए लोग रोजगार के लिए मार्केट में आए हैं, उनमें से 87 फीसदी को नौकरी मिली है। इसका कारण है कि इस महीने में अतिरिक्त 2.21 करोड़ नई नौकरियां आईं। इसके अलावा अप्रैल में 2.5 करोड़ लेवर फोर्स बढ़ी है। इसके बाद देश में कुल लेवर फोर्स 46.7 करोड़ पर पहुंच गई है।
बीते साल यानी 2022 में चार बार बेरोजगारी दर 8 फीसदी के पार निकली थी। फरवरी में ये 8.10 प्रतिशत, अगस्त में 8.28 फीसदी, नवंबर में 8.03 फीसदी और दिसंबर में 8.30 प्रतिशत0 रही थी। वहीं, सबसे कम बेरोजगारी सितंबर में थी। तब बेरोजगारी दर 6.43 फीसदी पर आ गई थी।
कैसे तय करते हैं बेरोजगारी दर
दिसंबर में बेरोजगारी दर 8.11 प्रतिशत रहने का मतलब यह है कि काम करने को तैयार हर 1000 वर्कर में से 81 को काम नहीं मिल पाया। सीएमआईई हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है। इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है।
सीएमआईई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को बेरोजगारी दर सही तरह से दर्शाती है, क्योंकि यह देश की कुल जनसंख्या में कितने बेरोजगार हैं, इसको बताती है। ऐसे में आने वाले समय में बेरोजगारी दर सरकार के लिए एक कठिन चुनौती हो सकती है।