Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
राहुल की मांग, महिला आरक्षण बिल जल्द लागू करे सरकार, केंद्र सरकार की मंशा पर उठाए सवाल, कहा- इस बिल में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं
The Fact India: संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पास होने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसे तुरंत लागू करने की मांग उठाई है। शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल अभी से क्यों नहीं लागू करती। इसमें जनगणना और परिसीमन जैसे नियम क्यों जोड़े गए। केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये कोई जटिल मामला नहीं है। लेकिन सरकार यह नहीं करना चाहती। ये आज से 10 साल बाद लागू होगा। यह भी नहीं मालूम कि होगा या नहीं होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण अच्छा कदम है। लेकिन इसमें दो शर्तें लगाई गई हैं। इसे लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन कराना होगा। इन्हें करने में बहुत साल लगेंगे। महिला आरक्षण को आज से ही लागू किया जा सकता है। भाजपा को इन दोनों शर्तों को हटाकर आरक्षण को तुरंत लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी रोज ओबीसी के बारे में बात करते हैं। लेकिन ओबीसी को महिला आरक्षण में शामिल क्यों नहीं किया? कांग्रेस सत्ता में आने के बाद जातिगत जनगणना कराएगी। तब पता चलेगा कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं।
राहुल ने कहा कि महिला आरक्षण एक डाइवर्जन टैक्टिक है। इसके जरिए ओबीसी जनगणना से लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है। मुझे पता लगाना है कि ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं। जितने भी हैं, उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए।
उन्होंने सरकार से मांग की कि जातिगत जनगणना का हमने जो डेटा निकाला था उसे पब्लिक कर दें। इससे पता लग जाएगा कि ओबीसी कितने हैं। इसके बाद नई जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए। राहुल ने अफसोस जताया कि 2010 में यूपीए सरकार महिला आरक्षण के लिए जो बिल लाई थी, उसमें ओबीसी कोटा नहीं था। उन्होंने कहा कि ये तब हो जाना चाहिए था।
उधर, भाजपा नेता उमा भारती ने बताया है कि ओबीसी के सीनियर नेता 23 सितंबर को मीटिंग करेंगे। इसमें वे चर्चा करेंगे कि महिला आरक्षण में ओबीसी कोटा कैसे मिल सकता है। हालांकि, उमा भारती ने मीटिंग की जगह और समय नहीं बताया है।
उन्होंने कहा कि जिस ओबीसी आरक्षण की वजह से यह विधेयक 27 साल तक रुका रहा, उसके बिना ही यह पारित हो गया। हमारी पार्टी ने इसे जैसे भी पास किया वह स्वीकार है, लेकिन हम ओबीसी आरक्षण के लिए कोशिश करते रहेंगे। देश की 60 फीसदी ओबीसी आबादी के लिए बिल में एक संशोधन और किया जा सकता है।