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राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल उपयोग पर आपत्ति दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि स्कूल में शेयर मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट को टीचर्स देखते रहते हैं. इसकी वजह से पढ़ाई प्रभावित होती है. अब इस मामले में कोटा संभाग में सरकारी और निजी स्कूलों में मोबाइल के उपयोग पर पाबंदी लागने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस निर्देश के अनुसार स्कूल पहुंचने पर शिक्षकों को मोबाइल प्रिंसिपल के पास जमा करवाना होगा.
आदेश कोटा संभाग के सभी सरकारी स्कूलों मे पहुंच गया
स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक तेज कंवर का कहना है कि हमने आदेश डेढ़ महीने पहले ही निकाल दिए थे, जिसका रिमाइंडर 2 मई को दोबारा भेजा गया है. इसके बाद यह आदेश कोटा संभाग के सभी सरकारी स्कूलों में पहुंच गया है. आदेश में जॉइंट डायरेक्टर तेज कंवर के हवाले से लिखा गया है कि स्कूलों के निरीक्षण के समय पाया गया है कि शिक्षक व कर्मचारी स्कूल टाइम में मोबाइल का प्रयोग निजी कार्यों के लिए कर रहे हैं, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, इसलिए मोबाइल फोन के यूज पर प्रभावी नियंत्रण जरूरी है.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मोबाइल को बताया बीमारी
राजस्थान के शिक्षक अब स्कूलों में मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेंगे. प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मोबाइल को बीमारी बताते हुए कहा कि मोबाइल के कारण शिक्षक पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते. न जाने सारा दिन वो मोबाइल पर क्या-क्या देखते रहते हैं. ऐसे में अब स्कूलों में मोबाइल ले जाने की पर रोक लगेगी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, "अब सरकारी स्कूलों में मोबाइल पूरी तरह से बैन किया जाएगा. क्योंकि, स्कूलों में टीचर पूरे दिन मोबाइल पर शेयर मार्केट और ना जाने क्या-क्या देखते रहते हैं."
केवल प्रिंसिपल का मोबाइल खुला रहेगा
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आगे कहा, "हमने कहा कि कोई भी अब विद्यालय के अंदर मोबाइल लेकर के नहीं जाएगा, यदि वो आ भी जाता है गलती से तो वो प्रिंसिपल की रैक में रखेगा. केवल प्रिंसिपल का मोबाइल खुला रहेगा, ताकि कोई इमरजेंसी हो जाए किसी के यहां तो प्रिंसिपल के पास फोन आएगा तो वो उसको बता देगा या बात करा देगा. इसकी वजह से जो बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा था वो बचेगा.
मोबाइल फोन चेक करने की जगह पढ़ाने पर फोकस करेंगे टीचर
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के मुताबिक इससे टीचर बार-बार अपना मोबाइल फोन चेक करने की जगह पढ़ाने पर फोकस करेंगे. शिक्षा मंत्री ने स्कूल समय में किसी भी धार्मिक प्रार्थना के लिए टीचरों के टाइम ऑफ लेने पर भी रोक लगा दी है.
नमाज पढ़ने के लिए टाइम ऑफ भी नहीं ले सकेंगे शिक्षक
शिक्षा मंत्री ने कहा, "सभी विद्यालय में वातावरण ठीक करने के लिए हमने कोशिश की है कि कोई भी अध्यापक स्कूल समय में बालाजी की पूजा करने के नाम पर या नमाज पढ़ने के नाम पर विद्यालय ना छोड़े, यदि उसको जाना है तो छुट्टी लेकर जाए लिखित में जाए, वो भी रजिस्टर में दर्ज होगी कि छुट्टी लेकर गया है, अन्यथा हम जो इस प्रकार से जाएगा तो हम कार्रवाई करेंगे."
पूरे राज्य में सरकारी-प्राइवेट सभी स्कूलों में एक जैसी ड्रेस
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट की यूनिफॉर्म भी एक जैसी करने पर विचार कर रही है. शिक्षा मंत्री के मुताबिक ये विचार इसलिए किया जा रहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर घरों के बच्चों में बाकी स्टूडेंट की महंगी यूनिफॉर्म देखकर हीन भावना न आए.