Categories
Vote / Poll
BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?
Vote / Poll
डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?
Vote / Poll
कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?
Vote / Poll
फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?
Recent Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!
Recommended Posts
Featured Posts
भाजपा में मुद्दों पर अंतर्द्वंद, छोटे मोदी ने बड़े मोदी की आंखें खोली
- December 16, 2022 Author : Team Fact India JP
The Fact India : भारतीय जनता पार्टी या केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले पर कोई सवाल नहीं उठाता है। जब प्रधानमंत्री मोदी ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद करने का फैसला किया था तब भी कैबिनेट में नितिन गडकरी इकलौते मंत्री थे, जिन्होंने इस पर सवाल उठाया था। उसके बाद भी किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। मोदी की सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपए का नोट बंद करके पांच और दो हजार का नोट जारी किया था। उस पर भी विपक्ष ने तो सवाल उठाया पर सरकार में से किसी ने नहीं कहा कि काला धन रोकने के लिए एक हजार का नोट बंद करके दो हजार के नोट जारी करना कहां की समझदारी है। लेकिन अब सवाल उठा और सवाल उठाया है छोटे मोदी यानी सुशील मोदी।
पुजारा-गिल ने बनाया शतक, भारत ने दिया 513 रन का टारगेट, बांग्लादेश 42/0
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सासंद सुशील मोदी ने यह कहने की हिम्मत दिखाई है कि दो हजार के नोट का मतलब होता है काला धन। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि दुनिया के किसी भी विकसित देश में सौ से ऊपर की मुद्रा नहीं होती है। इसलिए दो हजार के नोट बंद किए जाएं। सोचें, सुशील मोदी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इतने बड़े फैसले पर सवाल उठा दिया। सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री और उनके सलाहकारों को पता नहीं था कि विकसित देशों में सौ से ऊपर की मुद्रा नहीं होती? फिर उन्होंने क्यों दो हजार के नोट जारी किए? क्या केंद्र सरकार को पता नहीं है कि दो हजार के नोट का मतलब है काला धन? फिर क्यों वह इसे जारी रखे हुए है? ध्यान रहे पिछले दिनों खबर आई है कि नौ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के दो हजार के नोट गायब हैं। ये नोट न बैंक में हैं और न चलन में हैं। माना जा रहा है कि काले धन के रूप में यह रकम लोगों के पास जमा है। अब देखना है कि सुशील मोदी की सलाह पर केंद्र सरकार क्या फैसला करती है।
डा. प्रदीप चतुर्वेदी
[ये लेखक के अपने विचार हैं]
- Post By Team Fact India