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बिजली चोरी की खबरें अक्सर आती रहती हैं. ज्यदातर ग्राणीण क्षेत्रों में आपने देखा होगा कि, बिजली के पोल पर तारों का जंजाल लटका रहता है. लेकिन अगर शहरों में भी ऐसा हो तो. और तो और बिजली विभाग के अधिकारी खुद बिजली चोरी करवाएं तो. एक ऐसा ही मामला सामने आया है जयपुर से. जयपुर के पॉश इलाके मानसरोवर क्षेत्र से जुड़े पृथ्वीराज नगर में हर महीने करोड़ों की बिजली चोरी हो रही है।
मीटर किसी के नहीं और सभी ने सीधे पोल से तार डाल बिजली चालू कर रखी है। जानकारी के मुताबिक, पीआरएन में एक-दो कॉलोनी को छोड़कर (जेडीए अप्रूव्ड) सभी कॉलोनीयों में सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक मुफ्त की बिजली आ रही है। बिजली का उपभोग करने वाला तो हर महीने का रुपया दे रहा है, लेकिन पैसा कहा जा रहा है किसी को पता नहीं। जानकारी के मुताबिक ऐसी कॉलोनी में जाकर रहने वालों से पता किया तो सामने आया कि 'कोर्ट स्टे के कारण बिजली विभाग कनेक्शन नहीं दे सकता।' बिजली विभाग में ठेके पर लगे कर्मचारियों ने अपनी अपनी गलियां/कॉलोनी तय कर रखी है वहां से हर महीने रुपए ले आते हैं।' गौरतलब है वर्षों पहले बिजली कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि हर पोल पर बड़े मीटर लगे हैं, बिजली चोरी होते ही पता चल जाएगा। अब चोरी का पता क्यों नहीं चल रहा? क्योंकि खुद चोरी करवा रहे हैं? सबसे बड़ी बात यह है करोड़ों की कीमत के आलीशान बंगले बने हुए हैं। इतना ही नहीं दिन-रात निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सवाल खड़ा होता है जेडीए के जोन अधिकारियों को वह निर्माण कार्य नजर क्यों नहीं आ रहा ?
जोन वालों को कितने की बंधी आ रही है ? सूत्रों की मानें तो ऐसे क्षेत्र में पुलिस व प्रशासन के कई अधिकारी रह रहे हैं। बिजली विभाग पूरा मिला हुआ इसलिए बिजली चोरी की भी एफआईआर नहीं की गई। यहां रहने वालों ने सर पोल पर वायर डाल कर सरकारी बिजली से न मकान बल्कि बड़े गोदाम फैक्ट्रियां भी चल रही है। मकान से बिजली का चार्ज लगे उपकरणों के हिसाब फिर भी यह तय है कि बिज कम चार्ज ही देना पड़ रहा है सरकार को चाहिए पिछले साल में मानसरोवर क्षेत्र में विभाग के जो जो अधिकारी उनकी एसीबी से संपत्ति की करवाई जाए क्योंकि हो न हो किसी के होटल या किसी तरह की संपत्ति निकले।