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चित्तौड़गढ़ लोकसभा में घटा मतदान, भाजपा को जीत की हैट्रिक का यकीन, कांग्रेस का अपना जीत का 'गणित'
चित्तौड़गढ़ में लोकसभा चुनाव समापन के बाद नेता हार-जीत की गणित लगाने में जुटे हुए हैं. दोनों प्रमुख दल कांग्रेस-बीजेपी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. जीत के आंकड़े को लेकर नेताओं द्वारा पूरे दिन किस विधानसभा से कितनी बढ़त तो किस विधानसभा से कितना नुकसान होने का पूर्वानुमान लगाते रहे.
2004 के लोकसभा चुनाव में 48.54 फीसदी मतदान हुआ था, लेकिन...
2004 के लोकसभा चुनाव में 48.54 फीसदी मतदान हुआ था. इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार श्रीचंद कृपलानी ने कांग्रेस के उम्मीदवार विश्व विजय सिंह को एक लाख 35 हज़ार 770 मतों से हरा दिया था. इसी तरह 2009 में के लोकसभा चुनाव में 49.64 फीसदी मतदान हुआ जो 2004 के मुकाबले 2009 के लोकसभा चुनाव में 1.10 फीसदी अधिक मतदान हुआ था.
2009 चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ा, कांग्रेस ने लहराया परचम
2009 चुनाव मत प्रतिशत में वृद्धि हुई तो कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. गिरिजा व्यास ने भाजपा उम्मीदवार श्रीचंद कृपलानी को हरा दिया. कांग्रेस का वोटिंग का 50.25 फीसदी वोट मिले थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की प्रचण्ड आंधी में पूरे देश में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था और केंद्र की सत्ता से बेदखल हो गई.
2019 लोकसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीती थी भाजपा
पिछले लोकसभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी ने कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजा व्यास को हरा दिया. मोदी लहर के बावजूद भाजपा को वोटिंग का 59.95 फीसदी वोट मिले. वर्ष 2019 के चुनाव में पुलवामा घटना के बाद देश मे चली राष्ट्रवाद की हवा से एक बार फिर भाजपा ने फिर प्रचण्ड जीत दर्ज की और केंद्र में सरकार बनाई.
पिछले लोकसभा चुनाव चित्तौड़गढ़ सीट पर 72.39 फीसदी मतदान हुआ
2019 के लोकसभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ सीट पर 72.39 फीसदी मतदान हुआ था. इस चुनाव में चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी ने कांग्रेस उम्मीदवार गोपाल सिंह शेखावत को भारी मतों के अंतर से पराजित किया. भाजपा को वोटिंग का 67.38 फीसदी मत मिले थे. कांग्रेस का बाहरी प्रत्याशी होने से यहां के कांग्रेस नेताओं का भारी विरोध देखने को मिला. इसके बावजूद गोपाल सिंह ईडवा को 4 लाख 6 हज़ार 695 मत मिले.
2024 लोकसभा चुनाव में पिछली बार से कम हुआ मतदान
चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा हैं, लेकिन इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता उदय लाल आंजना से हैं. सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि, कांग्रेस से आंजना को टिकट मिलने पर कांग्रेस खेमा एकजुट हो गया और जमीनी स्तर पर चुनाव लड़ा. चुनाव के दौरान भी यह देखने को मिला कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस बार बड़ी संख्या में वोटिंग करवाई हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में 2019 के मुकाबले 4.38 फीसदी कम वोटिंग हुई. इस बार 67.83 फीसदी मतदान हुआ.
लोकसभा चुनाव 2024 में करीब 14 लाख 72 हज़ार वोट पड़े
वहीं राजपूत, एससी/एसटी, माइनॉरिटी, धाकड़, जाट, डांगी, पटेल समेत कई जातियों का इस बार झुकाव भाजपा की ओर कम नज़र आया. इस लोकसभा चुनाव में करीब 21 लाख 70 हज़ार से अधिक मतदाता थे इनमें से करीबन 67.83 फीसदी यानी करीब 14 लाख 72 हज़ार वोट पड़े. कांग्रेस-भाजपा के अलावा भारतीय आदिवासी पार्टी से भी इस बार उम्मीदवार मैदान में हैं और इसका असर ज्यादातर छोटीसादड़ी, प्रतापगढ़, धमोत्तर इलाकों में देखने को मिलेगा. भारत आदिवासी पार्टी दोनों प्रमुख पार्टियों के वोटों में सेंध मारी है.
इस चुनाव में सबके अपने मुद्दे, सबके अपने दावे
इस चुनाव में भाजपा ने मोदी के चहरे के साथ-साथ विश्वास, विकास और विरासत समेत सनातन धर्म के नाम पर चुनाव लड़ा. वही कांग्रेस उम्मीदवार आंजना ने किसानों, महंगाई, विकास, अफीम काश्तकारों के मुद्दे, वर्ल्ड हेरिटेज चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर विकास नहीं होने, मौजूदा सांसद के पिछले 10 सालों की क्या उपलधियाँ क्षेत्र में रही, इन मुद्दों पर भाजपा को खासा घेरा रखा. वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के समर्थन में करीबन एक दर्जन से ज्यादा स्टार प्रचारकों ने रोड़ शो व सभाएं की.
चित्तौडगढ़ लोकसभा सीट पर राजपूत मतदाताओं में नाराज़गी!
हालांकि कांग्रेस ने भाजपा की सभाओं में आए लोगों से डेढ़ गुना ज्यादा ही भीड़ अपनी सभाओं में जुटाई हैं. चुनाव के दौरान राजकोट गुजरात से भाजपा उम्मीदवार पुरषोत्तम रुपाला के राजपूत समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी और चित्तौड़गढ़ में एक न्यूज चैनल के डिबेट के दौरान जोहर स्मृति संस्थान की महिला उपाध्यक्ष के साथ हुई अभद्रता करने के बाद चित्तौड़गढ़ में राजपूत समाज की नाराजगी खासी देखी गई.
चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटने से नाराज हुआ था राजपूत समाज
निर्दलीय विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या का विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा से टिकट काटने से भी राजपूत समाज नाराज दिखाई दिया. निवर्तमान सांसद और भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी को इस चुनाव में भीतरघात से बड़ा नुकसान हो सकता हैं. ऐसे में भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी हैट्रिक लगाएंगे या फिर चित्तौड़गढ़ सीट पर कांग्रेस का उदय होगा. यह तो 4 जून को ही चुनावी नतीजों में सामने आ पाएगा.