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राजस्थान में 25 लाख रुपये के रिश्वत केस में फंसे दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका को भजनलाल सरकार ने पद से हटाकर एपीओ कर दिया है. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने दूदू कलेक्टर को एपीओ करके भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का मैसेज दिया है. चूंकि अभी लोकसभा चुनाव चल रहे हैं लिहाजा अब उनकी जगह किसी IAS को लगाने या अतिरिक्त चार्ज देने से पूर्व भारत चुनाव आयोग की मंजूरी ली जाएगी.
दरअसल रिश्वत के ऐसे मामले में सरकार किसी आरोपी अधिकारी या कर्मचारी को पुलिस अभिरक्षा में 48 घंटे में रहने के बाद एपीओ करती है. लेकिन इस केस में चुनाव के दौरान रिश्वत प्रकरण में प्रथम दृष्टया कलेक्टर की संलिप्तता मानते हुए हनुमान मल ढाका को एपीओ किया गया है. इसके पीछे तर्क यह भी है कि पद पर रहते हुए और कोई हेराफेरी नहीं कर दी जाए. तथ्यों और प्रमाणों से कहीं छेड़छाड़ ना हो. इसलिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए दूदू कलेक्टर को एपीओ किया है. वर्ष 2014 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हनुमान मल ढाका प्रमोटी IAS हैं. राजस्थान प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस बने ढाका पर भू रूपांतरण के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है.
ढाका पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव रह चुके हैं. उसके बाद ढाका को राजफेड एमडी लगाया गया था. राजस्थान में नए जिलों का गठन होने के बाद ढाका को पहले नवगठित खैरथल-तिजारा कलेक्टर लगया गया था. उसके बाद भजनलाल सरकार में फरवरी 2024 में उनको दूदू कलेक्टर लगाया था. इससे पहले ढाका जल संसाधन विभाग में संयुक्त सचिव पद पर भी रह चुके हैं. पूर्व में भी उन्हें 1-1 माह के लिए दो बार अलग कारणों से एपीओ किया जा चुका है. ढाका करीब ढाई महीने से दूदू कलेक्टर के पद हैं. कलेक्टर का यह रिश्वत प्रकरण प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. उल्लेखनीय है कि दूदू कलेक्टर हनुमानमल ढाका और पटवारी हंसराज के खिलाफ भू रूपांतरण के बदले 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है.
बाद में यह यह सौदा 15 लाख में तय किया गया था. परिवादी की शिकायत का सत्यापन होने के बाद एसीबी ने शुक्रवार रात को दूदू कलेक्टर के आवास सर्च ऑपरेशन चलाया था. उसके बाद एसीबी ने दोनों के मोबाइल जब्त कर लिए थे. शनिवार को एसीबी ने इस मामले में पूछताछ करने के लिए हनुमानमल ढाका के पीए राजाराम चौधरी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था.