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Jaipur : राजस्थान का सियासी समर ! सत्ता की भूख, गुटों की जंग और सीटों की चाहत में भाजपा-कांग्रेस के बीच आर-पार की लड़ाई ! राजस्थान के झुंझुनूं और 6 अन्य विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में सियासी महाभारत छिड़ चुका है! एक तरफ जहां कांग्रेस के टिकट पर शांति का दिखावा है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा में टिकट पाने की 'तू-तू, मैं-मैं' का माहौल है! भाजपा के नेता और कार्यकर्ता सबकी नजर अब सिर्फ एक कुर्सी पर गड़ी है।
खबरें हैं कि झुंझुनूं सीट पर भाजपा के करीब दो दर्जन नेता टिकट पाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। पार्टी के अंदर ऐसा घमासान मचा है कि नेता एक-दूसरे की पीठ में छुरा मारने से भी नहीं चूक रहे, तो वही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ डैमेज कण्ट्रोल के लिए कार्यकर्ताओं को फटकार लगाते हुए साफ कहा‘अगर आप गुटों में बंटे रहे, तो भाजपा का बेड़ा गर्क हो जाएगा !
भाजपा के पास सिर्फ टिकट की चाहत रखने वाले नेताओं की भीड़ है, लेकिन जनता के बीच पकड़ बनाने का अभियान फिसड्डी साबित हो रहा है। सदस्यता अभियान का हाल ये है कि रफ्तार पकड़ना तो दूर, स्टार्टिंग लाइन पर ही लड़खड़ा गया है ! अब पार्टी नेताओं को टिकट के दावेदारों से उम्मीद है कि वे ज्यादा से ज्यादा सदस्य जोड़े वरना 'टिकट नहीं मिलेगा' की धमकी तैयार है!
दूसरी तरफ कांग्रेस में हालात दिखने में शांति से भरे लग रहे हैं, **लेकिन ये सन्नाटा किसी बड़े तूफान का संकेत भी हो सकता है।** कांग्रेस के उम्मीदवार ज्यादातर सीटों पर लगभग तय माने जा रहे हैं। लेकिन भाजपा में अब भी नेताओं की फौज इस बात पर भिड़ी है कि **किसे कुर्सी मिलेगी और किसे साइडलाइन किया जाएगा !
मदन राठौड़ की सख्त चेतावनी ने यह साफ कर दिया है कि अगर पार्टी में गुटबाजी और आपसी फूट पर काबू नहीं पाया गया, तो इन उपचुनावों में भाजपा के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। वहीं, कांग्रेस इन चुनावों को सत्ताधारी दल के खिलाफ जनमत संग्रह में बदलने की कोशिश में जुटी है।
राजस्थान के ये सात उपचुनाव सत्ता का भविष्य तय करेंगे या फिर गुटबाजी और अंहकार की हार का नमूना बनेंगे? कुर्सी की लड़ाई और जनता की अनदेखी के बीच सियासत का ये खेल कौन जीतेगा |