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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
11%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 142

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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राजस्थान में नए जिलों पर तलवार : 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' की आड़ में प्रशासनिक फेरबदल!

राजस्थान में नए जिलों पर तलवार : 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' की आड़ में प्रशासनिक फेरबदल!
Abhishek Mudgal
October 12, 2024

 

Jaipur : राजस्थान की सियासत एक बार फिर गर्म है, क्योंकि भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बनाए गए 17 नए जिलों पर पुनर्विचार का बिगुल बजा दिया है! बड़े-बड़े ऐलान अब छोटे-छोटे जिलों के अस्तित्व पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। सवाल ये है—क्या ये सरकार की प्रशासनिक जरूरत है, या 'वन स्टेट वन इलेक्शन' की आड़ में चुनावी रणनीति का खेल?


गहलोत सरकार ने जनता को 17 नए जिलों का तोहफा दिया था, लेकिन अब भजनलाल सरकार इन जिलों के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर रही है। चर्चा ये है कि 5 से 7 जिलों को पुराने जिलों में मर्ज कर दिया जाएगा। भजनलाल सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ फार्मूले को लागू करना सरकार की प्राथमिकता है। और इसका मतलब ये है कि **जनवरी 2025 के पंचायत चुनाव भी टल सकते हैं।

कानून मंत्री जोगराम पटेल का कहना है कि छोटे जिलों के बिना ये फार्मूला लागू करना संभव नहीं है। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि सरकार नवंबर के दूसरे हफ्ते तक इन जिलों पर बड़ा फैसला ले सकती है।


गहलोत राज में बने जिलों में नीम का थाना, कोटपूतली-बहरोड़, फलोदी, शाहपुरा, और अनूपगढ़ जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जिनका मापदंडों पर खरा न उतरना एक नया विवाद खड़ा कर रहा है। सर्वे कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 12 जिले मर्ज होने की कगार पर हैं।संयोजक मदन दिलावर के नेतृत्व वाली रिव्यू कमेटी की सिफारिशें जल्द ही कैबिनेट में रखी जाएंगी।


‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के फार्मूले के तहत सरकार नवंबर में खत्म हो रहे नगर निकायों के कार्यकाल को आगे बढ़ाकर 2025 में चुनाव कराने की तैयारी में है। इस निर्णय से पांच नगर निगमों, 28 नगर पालिकाओं, और 16 नगर परिषदों के चुनाव इस साल नहीं होंगे।

आखिरी सवाल: जनता के विकास का सपना या प्रशासनिक छलावा? राज्य में चल रही इस उथल-पुथल के बीच सवाल उठता है कि क्या प्रशासनिक निर्णयों के नाम पर जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ हो रहा है?** क्या ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की योजना सिर्फ सत्ता को साधने का जरिया है? “क्या छोटे जिलों की मर्जी से सत्ता के बड़े फैसले होंगे या फिर ये फैसला भी जनता पर एक और बोझ बन जाएगा? इस पर अब पूरे राजस्थान की निगाहें टिकी हुई हैं!”

 

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