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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
10%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 141

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7526

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
65%
डीके शिवकुमार
18%
मल्लिकार्जुन खड़गे
12%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 17

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
42%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
8%
फिल्मों को हिट करने के लिए
42%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 12

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पायलट का हरियाणा में प्रचार का रिपोर्ट कार्ड !

पायलट का हरियाणा में प्रचार का रिपोर्ट कार्ड !
Abhishek Mudgal
October 12, 2024

JAIPUR : राजनीति के रंगमंच पर सचिन पायलट हरियाणा में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए । जिससे अब सवाल उठता है कि क्या वो अपनी जीत की लकीर राजस्थान में भी खींच पाएंगे? हरियाणा की राजनीति में सचिन पायलट के चुनावी दौरे एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। पायलट ने 11 सीटों पर प्रचार किया, जिसमें घरौंडा, समालखा, नांगल चौधरी, हथीन, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, बवानीखेड़ा, बादशाहपुर, सोहना, फरीदाबाद NIT और जगाधरी शामिल हैं। इस चुनावी महाकुंभ में कांग्रेस ने मात्र 3 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 8 सीटों पर अपना दबदबा कायम रखा। क्या सचिन पायलट का ये प्रचार उनकी पार्टी के लिए जीत की सीढ़ी साबित होगा, या हरियाणा की हार का असर राजस्थान में उनके उपचुनाव की संभावनाओं पर भी पड़ेगा?

राजस्थान में अब उपचुनावों की बारी है, जिसमें 7 सीटें दांव पर हैं। इनमें से 3 सीटों पर, झुंझुनू, देवली-उनियारा, और दौसा पर सचिन पायलट का प्रभाव काफी मजबूत माना जा रहा है। पायलट की रणनीति और उनकी छवि का एक बड़ा हिस्सा इन सीटों पर उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा। लेकिन क्या वो भाजपा के हमलों का सामना कर पाएंगे?

भाजपा, जो हरियाणा में अपनी जीत की लकीर खींच चुकी है, क्या राजस्थान में भी वही खेल खेल पाएगी? भाजपा की ओर से पायलट पर हमला बोलने के संकेत मिले हैं। वहीं, पायलट की ताकतवर छवि और कांग्रेस के समर्थन से भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

अब देखना ये है कि क्या सचिन पायलट की नेतृत्व क्षमता और कांग्रेस का संगठित अभियान भाजपा के धुरंधरों को मात दे सकेगा? इस सवाल का जवाब उपचुनाव के नतीजों में ही मिलेगा, लेकिन पायलट के लिए हरियाणा में मिली हार के बाद अब राजस्थान में अपनी छवि को मजबूत करना बेहद आवश्यक हो गया है।

सचिन पायलट के समक्ष ये चुनौती आसान नहीं होगी। राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं, लेकिन क्या पायलट अपनी जीत की दास्तान को राजस्थान में दोहराने में सफल होंगे? ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन पायलट का हरियाणा का प्रचार निश्चित रूप से अब एक सीख बनकर राजस्थान की राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। राजनीति के इस खेल में कौन जीतता है, ये तो चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा, लेकिन सचिन पायलट की कोशिशों की गूंज राजस्थान के हर कोने में सुनाई देगी।

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