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MP "एकीकृत टाउनशिप नीति 2025'' लागू, CM की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी


संबंधित निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए "एकीकृत टाउनशिप नीति 2025'' लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी। इससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की जी.डी.पी. में वृद्धि होगी। एकीकृत टाउनशिप नीति लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि का विकास करने के उद्देश्य से बनायी गयी है। नीति के लागू होने से जहां एक ओर वृहद स्वरूप की टाउनशिप विकसित होगी, वहीं दूसरी ओर प्रचलित प्रक्रिया अनुसार भी कॉलोनियों का विकास यथावत होता रहेगा।
निर्णय अनुसार एकीकृत टाउनशिप को विकास के उन क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस नीति में 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 10 हेक्टेयर और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 20 से 40 हेक्टेयर होगी। डेवलपर को इस नीति में सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीयन कराना आवश्यक होगा। टाउनशिप प्रस्ताव अनुमोदन के लिए राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव एवं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जायेगी। टाउनशिप नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश होगी।
टाउनशिप नीति में राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण, बाह्य विकास कार्य, समय पर समस्त अनुमतियां प्रदाय कराना, टीडीआर का लाभ, कृषि भूमि की अधिकतम सीमा में छूट, स्टॉम्प ड्यूटी पर रियायत, कॉलोनी नियमों में छूट, विकास योजना में संशोधन के लिए प्रक्रिया में आसानी, ग्रीन एफएआर, ऊर्जा के गैर-परंपरागत उपयोग के लिए एफएआर, अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस/एलआईजी / किफायती आवास इकाइयों के लिए एफएआर तथा अंगीकृत विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग में अधिनियम 1973 की धारा-23 के अंतर्गत उपांतरण के लिए विभाग स्तर पर साधिकार समिति को अधिकृत किया गया है। नीति से प्रदेश में व्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में डेवलपर द्वारा कॉलोनियों का विकास छोटी-छोटी भूमियों पर किया जा रहा है, जिससे नगर स्तर की अधोसंरचनाएं विकसित नहीं हो पाती है। प्रचलित नियमों में कॉलोनियों के विकास के लिए नियमों में न्यूनतम क्षेत्र का बंधन नहीं है इसके परिणामस्वरूप विकास के लिए नगरीय भूमि की मांग और आपूर्ति में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है जिससे बुनियादी ढांचे और किफायती आवास के विकास में होने वाली देरी को रोकने के लिये "एकीकृत टाउनशिप नीति" लागू की जा रही है।
