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"मिडिल ईस्ट संकट: पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश पर ट्रंप का सख्त जवाब – पहले अपना झगड़ा सुलझाओ"


📌 मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव: ईरान-इजरायल आमने-सामने
मध्य पूर्व (Middle East) में ईरान और इजरायल के बीच चल रहा तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच हालिया सैन्य टकराव और ड्रोन हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। इजरायल ने हाल ही में दावा किया है कि उसने 50 फाइटर जेट्स के साथ ईरान पर हमला किया, जबकि ईरान ने ड्रोन हमलों से जवाबी कार्रवाई की।
🇷🇺 पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश
इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस संकट को लेकर अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की। पुतिन ने खुलासा किया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस मुद्दे पर मध्यस्थता की बात की थी।
“यह एक संवेदनशील मुद्दा है लेकिन समाधान संभव है,” – पुतिन ने 18 जून को पत्रकारों से बातचीत में कहा।
पुतिन ने यह भी बताया कि रूस ने ईरान, इजरायल और अमेरिका के साथ कुछ प्रस्ताव साझा किए हैं, जो इस तनाव को खत्म करने की दिशा में एक कूटनीतिक प्रयास है। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि रूस इस पूरे संकट में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहता है।
🇺🇸 ट्रंप का सख्त पलटवार: “पहले रूस-यूक्रेन झगड़ा खत्म करो”
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश को सख्ती से खारिज कर दिया। ट्रंप ने बयान में कहा:
“पुतिन मुझसे कह रहे थे कि मिडिल ईस्ट में सुलह करवाना चाहते हैं। मैंने कहा – पहले अपना रूस-यूक्रेन का झगड़ा खत्म करो, फिर बाकी दुनिया की फिक्र करना।”
ट्रंप ने पुतिन पर यह भी आरोप लगाया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रही मौतों को छिपाया जा रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि रूस एक इमारत गिरने के बाद कहता है कि कोई नहीं मरा – “क्या ये कोई मजाक है?”
⚠️ बुशहर प्लांट पर चिंता और इजरायल की गारंटी
पुतिन ने जानकारी दी कि ईरान के दक्षिण में स्थित बुशहर परमाणु संयंत्र में रूस के 200 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह वही न्यूक्लियर प्लांट है जिसे रूसी कंपनी रोसाटॉम ने बनाया था। उन्होंने कहा:
“इजरायल ने हमें भरोसा दिया है कि हमारे नागरिकों को कोई खतरा नहीं होगा।”
रूसी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी उस दौरान आई है जब आशंका जताई जा रही थी कि परमाणु सुविधाएं इस युद्ध का अगला निशाना बन सकती हैं।
🇺🇸 अमेरिका की बढ़ती सैन्य मौजूदगी
ईरान-इजरायल के तनाव के बीच अमेरिका ने भी मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना और वायुसेना को तैनात किया गया है। इससे हालात और भी संवेदनशील और विस्फोटक बनते जा रहे हैं।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका की कोशिश है कि इजरायल-ईरान संघर्ष किसी पूर्ण युद्ध में तब्दील न हो।
