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वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा का महापर्व मनाया जाता है. बौद्ध अनुयायियों के लिए यह दिन खास होता है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सारनाथ में भगवान बुद्ध का मंदिर है. भगवान बुद्ध ने यहीं पर अपना पहला उपदेश दिया था. इस बार बुद्ध पूर्णिमा पर उनके उपदेश स्थली सारनाथ में बौद्ध अनुयायी उनके अस्थि अवशेष के दर्शन कर पाएंगे. इस वर्ष पांच मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाएगी.
महाबोधि सोसाइटी के भिक्षु सुमितानंद थेरो ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है. इस बार पांच मई को उनकी 2,667वीं जयंती मनाई जाएगी. इस अवसर पर श्रद्धालु भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष के दर्शन कर पाएंगे. सारनाथ स्थित मुलगंघ कुटी बौद्ध मंदिर में यह अस्थि कलश रखा जाएगा. उस दिन सुबह से लेकर देर रात तक श्रद्धालु इसके दर्शन कर पाएंगे. बता दें कि, सारनाथ से भगवान बुद्ध का पुराना नाता रहा है. इस वजह से बौद्ध देशों के अनुयायी बड़ी संख्या में यहां दर्शन के लिए आते हैं. श्रीलंका, म्यामांर, इंडोनेशिया, चीन, जापान, कोरिया, मंगोलिया, तिब्बत सहित कई देशों से लोग यहां दर्शन और घूमने के लिए आते हैं. पांच मई, 2023 को इन देशों के अनुयायियों की यहां लंबी कतार होगी.
यदि आप भी भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों के दर्शन करना चाहते हैं तो वाराणसी जाइए. सारनाथ में आप न सिर्फ भगवान बुद्ध के अस्थि के दर्शन कर पाएंगे, बल्कि इसके अलावा, काशी विश्वनाथ धाम और काशी के ऐतिहासिक घाटों का दीदार करने के साथ-साथ कई दार्शनिक जगहों पर भी घूम सकेंगे.