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Vote / Poll

BJP और Congress के बीच क्या Rajasthan में Aam Aadmi Party अपनी जगह बना पाएगी ?

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अब जनता कांग्रेस-भाजपा से परेशान हो चुकी है
30%
'आप' की वजह से कांग्रेस और भाजपा में चिंता है
11%
केजरीवाल राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाएंगे
90%
राजस्थान में भी 'आप' की सरकार बननी चाहिए
70%
Total count : 143

Vote / Poll

डेगाना विधानसभा क्षेत्र से आप किसको भाजपा का जिताऊँ प्रत्याशी मानते है ?

अजय सिंह किलक
56%
शिव देशवाल
26%
अन्य
18%
Total count : 7528

Vote / Poll

कर्नाटक का मुख्यमंत्री किसे बनाया जा सकता है?

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सिद्देरमैया
67%
डीके शिवकुमार
17%
मल्लिकार्जुन खड़गे
11%
बता नहीं सकते
6%
Total count : 18

Vote / Poll

फिल्मों के विवादित होने के क्या कारण हैं?

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समुदाय विशेष को टारगेट करना
38%
राजनीतिक लाभ लेने के लिए
15%
फिल्मों को हिट करने के लिए
38%
कुछ बता नहीं सकते
8%
Total count : 13

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पाकिस्तान को भारत के खिलाफ मिसाइलें देने वाले तुर्की को मिसाइलें देने जा रहा अमेरिका

पाकिस्तान को भारत के खिलाफ मिसाइलें देने वाले तुर्की को मिसाइलें देने जा रहा अमेरिका
Pooja Parmar
May 16, 2025

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच तुर्किए ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. सैकड़ों ड्रोन और मिलिट्री ऑपरेटिव भेजकर तुर्किए ने पाकिस्तान को तकनीकी और सामरिक मदद दी, जिससे भारत में तुर्किए के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला. इस गुस्से का असर सोशल मीडिया पर दिखा जहां #BoycottTurkey ट्रेंड करने लगा और व्यापार से लेकर पर्यटन तक, भारत ने तुर्किए से दूरी बनानी शुरू कर दी, लेकिन अब इसी बीच अमेरिका ने तुर्किए को मिसाइलें बेचने का जो फैसला लिया है, उसने भारत में नई बहस को जन्म दे दिया है.

अमेरिका ने तुर्किए को 304 मिलियन डॉलर की मिसाइलें बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह मंजूरी ऐसे समय पर दी गई जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और तुर्किए खुले तौर पर पाकिस्तान की मदद कर रहा है. मिसाइल डील में तुर्किए को हवा से हवा में मार करने वाली AIM-120 AMRAAM मिसाइलें शामिल हैं. इसके साथ ही तुर्किए ने 225 मिलियन डॉलर की लागत से 53 एडवांस मीडियम रेंज मिसाइल और 79.1 मिलियन डॉलर की लागत से 60 ब्लॉक सेकंड मिसाइलों की मांग की है. यह डील अमेरिका की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) की तरफ से प्रस्तावित की गई है, लेकिन अभी इसे अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी मिलनी बाकी है. अगर यह मंजूरी मिलती है तो यह डील दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को और मजबूत करेगी.

इस कदम को अमेरिका और तुर्किए के बीच नाटो सहयोग को मज़बूत करने के रूप में देखा जा रहा है. तुर्किए नाटो का एक प्रमुख सदस्य है और अमेरिका के रणनीतिक सैन्य साझेदारों में से एक माना जाता है, लेकिन भारत में यह सवाल उठ रहा है कि जब तुर्किए भारत के विरोधी पाकिस्तान को सैन्‍य मदद दे रहा है तो अमेरिका द्वारा उसे मिसाइल बेचना क्या भारत के खिलाफ एक प्रकार का डबल गेम नहीं है?

तुर्किए ने पाकिस्तान को पहुंचाई मदद
यह मुद्दा तब और संवेदनशील हो जाता है जब देखा जाए कि हाल ही में तुर्किए ने पाकिस्तान को 350 से अधिक ड्रोन और ऑपरेट करने वाले सैनिक मुहैया कराए थे. इन ड्रोन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों और सीमा पार निगरानी के लिए किया गया. इतना ही नहीं, तुर्किए ने भारत के खिलाफ दिए गए बयानों में भी पाकिस्तान का समर्थन किया है. ऐसे में भारत की जनता और रणनीतिक विश्लेषक यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या अमेरिका को इस डील को फिलहाल रोक देना चाहिए था?

भारत विशेषज्ञों की राय
भारत में कई विशेषज्ञ यह मानते हैं कि अमेरिका का यह कदम उसकी दोहरी नीति को उजागर करता है. एक तरफ वह भारत को QUAD जैसे मंचों पर रणनीतिक साझेदार कहता है और दूसरी ओर पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देश को हथियार मुहैया कराता है. इससे भारत और अमेरिका के रिश्तों में अविश्वास की दरार पड़ सकती है. हालांकि, अमेरिका का तर्क है कि यह डील नाटो सहयोगी के तौर पर तुर्किए की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है, न कि भारत के खिलाफ कोई साजिश. कूटनीतिक रूप से देखा जाए तो इस डील का समय और परिस्थितियां काफी संवेदनशील हैं.

तुर्किए और अमेरिका के बीच तनाव
तुर्किए और अमेरिका के बीच इससे पहले भी तनाव रहा है, खासकर तब जब तुर्किए ने रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा था. इसके बाद अमेरिका ने तुर्किए को F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम से बाहर कर दिया था और उस पर CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध भी लगाए थे, लेकिन अब नई डील से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका तुर्किए के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है. वहीं तुर्किए ने अमेरिका से बार-बार अनुरोध किया है कि उसे फिर से F-35 प्रोग्राम में शामिल किया जाए, लेकिन अमेरिका की ओर से अभी इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है. यह देखा जाना बाकी है कि अगर तुर्किए रूस के साथ अपने सैन्य संबंधों को सीमित करता है तो क्या अमेरिका उस पर लगे प्रतिबंध हटाता है या नहीं.

पाकिस्तान को भारत के खिलाफ मिसाइलें देने वाले तुर्की को मिसाइलें देने जा रहा अमेरिका