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राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश, कांग्रेस को बिल के नाम पर आपत्ति; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के सभी सांसदों को धन्यवाद कहा


The Fact India: नारी शक्ति वंदन विधेयक (महिला आरक्षण बिल) गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में पेश किया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सदन में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करना बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी, ये आयोग फैसला करेगा। यह बिल बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में पास हो चुका है। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। पर्ची के जरिए हुई वोटिंग में एआईएमआईएम पार्टी के दो सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने विरोध में वोट डाले।
इस बिल पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने की। रंजीत रंजन ने बिल के नाम पर आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता का अधिकार चाहिए। मोदी सरकार में महिलाओं की स्थिति पर सवाल उठाते हुए रंजीत रंजन ने कहा कि आपकी सरकार में महिलाओं की कितनी वंदना होती है, हमको पता है। सत्ता पाने के लिए आप महिलाओं को देवी बनाकर उसकी पूजा करने लगते हैं।
इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि इस कदम से नारी का सशक्तिकरण होगा और नारी को ताकत मिलेगी। नारी शक्ति वंदन विधेयक- यह शब्दावली ही हमारी पार्टी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है। हमारे मन में धारणा बनी है कि हम महिलाओं के लिए काम कर अहसान कर रहे हैं। लेकिन हमेशा ही हमारी संस्कृति में महिलाओं का ऊंचा स्थान रहा है। हमने नारी को शक्ति और देवी के रूप में देखा है।
इससे पहले लोकसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि कल भारत की संसदीय यात्रा का एक स्वर्णिम पल था। उस पल के हकदार इस सदन के सभी सदस्य हैं। सभी दल के सदस्य हैं। सभी दल के नेता भी हैं। सदन हों या सदन के बाहर हों, वे भी उतने ही हकदार हैं।
