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राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास, विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा; चौथे दिन ही अनिश्चितकाल के लिए लोकसभा-राज्यसभा स्थगित
The Fact India: 21 सितंबर देश की महिलाओं के लिए एक स्वर्णिम दिन है। संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार को नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण बिल) राज्यसभा से सर्वसम्मति से पास हो गया। राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर हुई वोटिंग में पक्ष में 215 सांसदों ने समर्थन किया, वहीं, विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। यह बिल लोकसभा में 20 सितंबर को ही पास हो गया है।
सर्वसम्मपति से महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद पीएम मोदी लोकसभा पहुंचे। वहां चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा हो रही थी। चर्चा के बाद लोकसभा को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। पांच दिन के बुलाए विशेष सत्र को चार दिन में ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के कानून बनते ही लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि 2024 लोकसभा में इस कानून के लागू होने में कुछ संविधानिक दिक्कतें हैं।
इस बिल पर चर्चा के अंतिम क्षणों पर राज्यसभा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है। भविष्य में इस चर्चा का एक-एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है।
उन्होंने कहा कि बिल पर चर्चा के दौरान सभी सांसदों ने अपने बयान के शुरुआत में कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं। इसके लिए सबका आभार। यह इससे देश के जन-जन में आत्मविश्वास पैदा करेगा। सभी सांसदों और दलों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। सभी सांसदों से अनुरोध है कि सर्वसम्मति से इसे पास करें।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं और मेरी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। यह बिल आने वाला है, हमें इसकी जानकारी पहले से नहीं थी। लेकिन उपराष्ट्रपति जी को पहले से पता था कि बिल आने वाला है। आपने 4 सितंबर को जयपुर में कहा था कि वो दिन दूर नहीं जब देश की संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने पहले कहा था कि 2 करोड़ नौकरियां देंगे, 15-15 लाख सबके खाते में देंगे। बाद में उनसे पूछा गया कब देंगे तो कहा कि ये तो चुनावी जुमला था। मैं चाहता हूं कि महिला आरक्षण बिल जुमला न बने, इसे लागू किया जाए। जैसे आपने नोटबंदी का निर्णय तुरंत लिया था, वैसे ही आरक्षण लागू करने का फैसला भी तुरंत लीजिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार को श्रेय देना चाहती हूं। उन्होंने महिलाओं को पंचायत राज में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इससे हमने पंचायत स्तर पर प्रगति देखी है। आज कई राज्यों में 33 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 50 फीसदी किया गया है।